कबीर परमात्मा सन् 1398 (विक्रमी संवत् 1455) ज्येष्ठ मास शुद्धि पूर्णमासी को ब्रह्ममुहूर्त में अपने सत्यलोक से सशरीर आकर बालक रूप बनाकर लहरतारा तालाब मे कमल के फूल पर विराजमान हुए। यह उनका प्रकट दिवस है। ज़रूर सुनें इस पावन अवसर पर

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